Monday, 30 December 2019

स्व. एलपीएन शाहदेव हमेशा ही अपने सदान समाज के लिए कार्यरत रहे

स्व. एल.पी. एन शाहदेव जी झारखंड के अलग राज्य अंदोलन के प्राणेता तथा अपने सदानों के अस्तित्व आधिकारों हितों तथा समस्त झारखंडवासियों के हितों के लिए अपने जीवन काल में हमेशा लड़ते रहे।

इन्होंने ही अपने सदान समुदाय के बिखरे हुए सदानों को एकजुट कर सदानों को एक मंच पर लाकर सदान समाज का एकता बनाये थे। 
अपने सदान समुदाय के अस्तित्व बचाने तथा हक आधिकारों के लिए हमेशा प्रयासरत रहे।
आफशोश इस बात का है के इन्हें आज कितने लोग जानते हैं, जिस समाज के अस्तित्व को बचाने के लिए हमेशा जीवन भर लड़ते रहे, लेकिन आज अपने सदानी अस्तित्व को अपने ही सदान समाज के कुछ लोभी तत्व वाले लोग बर्बाद करने पर तुले हुए हैं,,,, जिससे हमारे सदान अस्तित्व धीरे धीरे धुमिल होते जा रहा है। हमें अपने अस्तित्व हक की लड़ाई लड़ना ही पड़ेगा...!

अगर हमारे सदान लोगों को समझ नहीं आता है तो आदिवासी लोगों को देख कर भी कुछ सिखना चाहिए कि आदिवासी लोग कैसे विभिन्न आदिवासी जाती ग्रूप होकर भी विभिन्न भाषा भाषी होने के बावजुद एकजुट होकर अपने अस्तित्व हक के लड़ाई लड़ते हैं.... और वहीं हमारे सदान एक ही समाज समुदाय के होकर भी एक नहीं है... इससे बड़ी दुख की बात और क्या हो सकती है सदानों के लिए।
खुद को अगर कुछ आता नहीं तो हम सदान समाज के लोगों को नेपाली समाज, बंगाली समाज, असामीया समाज इत्यादि ऐसे समाज को देखकर भी बहुत कुछ सिख लेनी चाहिए कि इनके समाज में भी विभिन्न वर्ग जाती (sc,obc Gen Category) में बांटे हुए हैं, लेकिन उन्हें पता है कि ये वर्ग मात्र है लेकिन हम एक हैं एक ही समाज समुदाय के हैं...,,, जिस तरह नेपाली समुदाय की मातृभाषा नेपाली, बंगाली समुदाय की मातृभाषा बंगाली, असामीया समुदाय की मातृभाषा असामीया, भाषा संस्कृति ही इनकी पहचान है... ठीक उसी तरह सदान समुदाय की मातृभाषा सदानी जिसे सादरी और नागपुरी के नाम से भी जाना जाता है यानी सादरी (नागपुरी) हम सदानों की पहचान है, लेकिन कुछ चंद मुठ्ठी भर लोग जो सिर्फ अपनी राजनीति फायदों के लिए सदानों की जो पहचान है मातृभाषा सादरी (नागपुरी) उसे गलत नाम देकर गलत प्रचार कर इतने बड़े सदान समाज की पहचान अस्तित्व को मिटाने का काम किया है असम बंगाल में।
सुनलो सदानों के अस्तित्व वजूद पहचान को मिटाने वालो सादरी मतलब सदान होता है... कोई आदिवासी नहीं। अब तुम्हारा झुठा प्रचार नहीं चलेगा।
हम सदान हैं... सदान एक हैं... हमारा सदान समाज समुदाय एक है।
चलिये हम सब सदान मिलकर हमारे धुमिल होते सदान अस्तित्व की रक्षा करें और अपनी सदान एकता को पहचान को दुनिया में बनाये रखें।
           #जय_हिंद_जय_भूमिपुत्र_सदान।
                #सदान_एकता_जिन्दाबाद।

Sunday, 29 December 2019

सदान समाज कर साथ बहुत बड़ धोखा

#सदान_समाज_कर_साथ_बहुत_बड़े_धोखा।

झारखंड बनते साथ झारखंड कर #भूमिपुत्र_सदान मनके आपन ही राइज में दरकिनार कइर देल गेलक।

#सदान_समाज_कर_महापुरूष_स्वतंत्र_सेनानी_मनके_आदिवासी_समाज_कर_सेनानी_जइसन_नई_मिललक_उचित_सम्मान।
हमार सदान समाज कर वीर स्वतंत्र सेनानी शहीद ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव, वीर स्वतंत्र सेनानी शहीद बख्तर साय आउर वीर स्वतंत्र सेनानी शहीद मुंडल सिंह इत्यादि आउर भी हमार सदान समाज कर स्वतंत्र सेनानी तथा महापुरूष मन आहयं।
लेकिन बड़ी ही दुख आउर आफशोश कर बात हय हमार सदान समाज ले कि भूमिपुत्र सदान समाज कर स्वतंत्र सेनानी शहीद महापुरूष मनके आपन ही कर्मभूमि जन्मभूमि में भूमिपुत्र मनके उचित सम्मान नई मिल लक। सदान महापुरूष स्वतंत्र शहीद मनके दरकिनार कईर देल गेलक, ई मनक इतिहास के दबाए देल गेलक,,,,
 आउर हुंवे आदिवासी समाज कर शहीद मनक इतिहास के अस्तित्व के सउब समय आगे रखल गेलक... जइसन- बीरसा मुंडा कर।

आइज छोटानागपुर (झारखंड) कर भूमिपुत्र सदान मनक अस्तित्व तथा इतिहास ही धुमिल पइड़ चुइक हे...भूमिपुत्र सदान समुदाय कर महापुरूष, स्वतंत्र सेननानी शहीद मनके आपन ही जन्मभूमि कर्मभूमि में अवहेलना कइर देल गेलक।
आदिवासी मन अलग अलग काबीला कर होई के तथा अलग अलग भाषा भाषी कर होई के भी एकता बनाए के आहयं एक होई के अहयं।

आउर हमार सदान मनक एक बड़ कमजोरी इ हय की हम एक समुदाय एक समाज एक मातृभाषा एक संस्कृति कर होई के भी आइज एक नखी, हमीन सदान मन तेली समाज, रौतिया राजपुत समाज, झोरा गोसाई ग्वाला धोबी इत्यादि इत्यादि समाज करेक में लइग गेली एक दुसरे के नीचा दिखाएक में हमेशा उलइझ के रइह गेली,,,आउर सदान होई के भी आपन सदान समाज कर समाजिक एकता न सदान भाईचारा न कभी बनाली न ही आपन सदान अस्तित्व के बचाएक में कभी ध्यान देली।

आउर तो आउर हमार सदान मनक अस्तित्व इतिहास वजूद के आपन सदान समाज कर ही चंद मुठ्ठीभर कुछ आगुवाईकर्ता मन कौड़ी कर भाव बेइच देलयं... सदान महापुरूष मनक इतिहास बलिदान के कौड़ी कर भाव बेइच देलयं।

वीर स्वतंत्र सेनानी शहीद ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव अमर रहे... वीर स्वतंत्र सेनानी शहीद बख्तर साय अमर रहे... वीर स्वतंत्र सेनानी शहीद मुंडल सिंह अमर रहे।
                  #जय_हिंद_जय_भूमिपुत्र_सदान
                       #सदान_एकता_जिंदाबाद

सदान समाज कर चिंतन बैठक

#सदान_समाज_कर_चिंतन_बैठक
झारखंड।
सदान समाज कर चिन्तन बैठक में सदान मनक हित अस्तित्व भाषा संस्कृति कर रक्षा करेक सदान मनमें जागरूकता एकता आउर सदान मनके संगठित करेक कर निर्णाय करल गेलक, सदान समाज कर शहीद महापुरूष ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव, शहीद बख्तर साय, शहीद मुंडल सिंह मनक वीरगाथा के झारखंड कर पाठ्यक्रम में पढ़ाएक। आगे जइसन सदान मनक इतिहास सदानी भाषा सदानी संस्कृति के महाविद्यालय मन में पढ़ाएक, सदान मनक मातृभाषा कर साथ छेड़छाड़ राजनीतिकरण के बंद करेक कर निर्णाय लेजल गेल।
सदान मनक मातृभाषा कर नांव सदानी हय,,, छोटानागपुर राईज में सदान महाराजा जमींदार मन आपन राईज काल में आपन शासन समय में छोटानागपुर में आपन मातृभाषा के राइज भाषा बनाए रहयं आउर काम काज ले सदर मनमें आपन मातृभाषा के सदर भाषा बनाए रहयं आउर सदान मनक मातृभाषा सदर भाषा होवेक कर करण ही सदरी (सादरी) इ वजह से नांवकरण पड़लक, सदान भाषा कर नांव नागपुरी आपन राईज छोटानागपुर कर नांव कर आधार पर सदान भाषाविद्वान आउर बुद्धिजीवी मन रखलयं, ओहे ले सदान मनके नागपुरी समाज भी बोलैना !
#सदान मनक आपन भाषा संस्कृति आहे आउर आदिवासी मनक आपन भाषा संस्कृति आहे।
लेकिन असम बंगाल में आदिवासी संगठन वाला मन सदान मनक भाषा संस्कृति के आदिवासी मनकर बताए के झूठा आउर गलत प्रचार प्रसार करैना, आउर एहे ऊ कारण आहे कि असम बंगाल कर तराई-डुवार्स में बहुसंख्यक सदान मन होई के भी सदान मनक कोई पहिचान नखे।
असम बंगाल में रहेक वाला हमार सदान भाई बहीन मनसे आग्रह हय विनती हय कि राउरे मन आपन हित अस्तित्व भाषा संस्कृति ले सचेत रहू जागरूक रहू जानकार रहू संगठित रहू !
असम बंगाल में जे लखे सदान मनक साथ सदान मनक भाषा संस्कृति कर साथ आदिवासी संगठन वाला मन खुलेआम मनमानी आउर घटिया किस्म कर राजनीति खेल लइग हयं उके देखते हुए सदान मनके एकजुट होई के विरोध करेक चाही, लेकिन आदिवासी संगठन वाला मन जानैना की सदान मन में जागरूकता जानकारी सचेत आउर एकजुटता बिल्कुल नखे आउर न ही असम बंगाल में रहेक वाला सदान मनक कोई सदान संगठन आहे...!
आदिवासी संगठन वाला वाला मन सदान मनक मातृभाषा सदानी के आदिवासी मनक भाषा बताए के साफ झूठा आउर गलत प्रचार प्रसार करैना असम बंगाल में आउर तो आउर सदान मनके भी झूठमूठ कर आदिवासी बतैना ताकि सदान मनक अस्तित्व पहिचान वजूद के मिटाएक परबयं...👿👿👿 सदान मनक साथ सदान मनक भाषा संस्कृति अस्तित्व धरोहर कर साथ बहुत बड़े राजनीति खेल खेलल जा थे... लेकिन हमार सदान मन निश्चिंत आहयं बेफिकर आहयं, का ले कि सदान मन में जागरूकता कर बहुत ज्यादा अभाव आहे।
कोई दोसर कर भाषा संस्कृति अस्तित्व धरोहर कर साथ छेड़छाड़ राजनीति कइर के देखाओक तो... लेकिन असम बंगाल में सदान मनक आधिकार धरोहर भाषा संस्कृति कर आदिवासी संगठन वाला मन खुलेआम नंगा घटिया किस्म कर राजनीति खेल खेलो थयं। लेकिन रोकेक वाला केऊ एक भी सदान मन नखयं...शर्म आवेक चाही असम बंगाल कर सदान मनके।